कंधार। अफगानिस्तान में किसान सरकारी आदेशों की अवहेलना करते हुए अफीम की खेती कर रहे हैं और आजकल यहां इस फसल की कटाई का सीजन चल रहा है। अफीम से ही हेरोईन बनती है और पूरे विश्व में इसमें अफगानिस्तान का योगदान सबसे अधिक है,अफगानिस्तान में भ्रष्ट नौकरशाह,तस्कर और तालिबान आतंकवादी किसानों को अफीम की खेती के लिए प्रोत्साहित करते हैं और अंतरराष्ट्रीय बाजार में अफगानिस्तान का अफीम की पैदावार में वार्षिक 9000 टन का योगदान है।हेलमांद प्रांत के बाद कंधार दूसरा बड़ा प्रांत है जहां अफीम की पैदावार बड़े पैमाने पर की जाती है । अफीम के पौधे में फूल आने के बादयह पककर डोडे का रूप ले लेता है और इसके भीतर से गोंदनुमा पदार्थ एकत्र किया जाता है जिसका इस्तेमाल अफीम पावडर, हेरोंईन और अन्य मादक पदार्थ बनाने में किया जाता है।अफगानिस्तान में तालिबान की आमदनी का एक बड़ा जरिया अफीम की पैदावार है लेकिन सरकार ने इसकी खेती पर प्रतिबंध लगाया हुआ है मगर किसान चोरी छिपे इसकी खेती करते हैं। अफगानिस्तान में वर्ष 2016 की तुलना में 2017 में अफीम की पैदावार में 87 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।काबुल में कृषि मंत्रालय के प्रवक्ता अकबर रूस्तमी ने बताया कि सरकार ने पिछले वर्ष किसानों को गेंहू की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए दस हजार टन से अधिक बीज और 20 हजार टन यूरिया वितरित किया था लेकिन किसानों ने बीज तो सरकार से ले लिए मगर अपने खेतों में इनकी बुवाई नहीं की।उन्होंने बताया कि हम लगातार किसानों को अफीम की खेती करने को हतोत्साहित करते रहते हैं लेकिन वे सरकारी आदेशों की धज्जियां उड़ाते हैं क्योंकि उन्हें अधिक धन कमाने की लालसा रहती है।
विश्व में अफीम की खेती करने में अफगानिस्तान सबसे आगे
